जब जब दर्द का बादल छाया....
जब गम का साया लहराया....
जब आँसू पलकों तक आया.....
जब ये तन्हा दिल घबराया....
हमने दिल को यह समझाया....
दिल आखिर तू क्यों रोता है....
दुनिया में यूँ होता है...............
ये जो गहरे सन्नाटे है....
वक़्त ने सबको ही बांटे है....
थोड़ा गम है सबका किस्सा....
थोड़ी धूप है सबका हिस्सा....
आँख तेरी बेकार ही नम है....
हर पल एक नया मौसम है....
क्यो तू ऐसे पल खोता है ....
दिल आखिर तू क्यों रोता है ...........
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