Monday, 15 June 2020

Chehra



बरामदे में खड़ी थी,
ना जाने किन ख्यालों में थी वो.

चाय की प्याली अंछुई,
तश्तरी में बिस्कुट सजी हुई,
दूर नजरें कुछ ढूंढ रही थी.

यादों की बौछार हुई!

उसका चेहरा आँखों में आया।
हल्की सी मुस्कुराहट आई,
ज़ुबान पर नाम आ गया उसका।

और फिर उसके ख्यालों में डूब गयी! 

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