बूंदें टपकी आसमान से,
आंखें बंद की, तो दिल में बस गई।
दिल की धड़कनें बढ़िया,
ये तो सिर्फ बूंदें थी,
aऔर क्या!
बून्दों ने कुछ कहा दिल से।
धड़कने फिर हुई तेज़,
उसकी याद आयी.
वो चेहरा सामने आया.
यादों ने फिर से स्लाइड शो शुरू किया,
आसमान बना प्रोजेक्टर.
तसवीरें आई कुछ,
वीडियो प्ले हुए कुछ,
दिल झूम उठा फिर से मेरा.
हवाओं का असर कहो हां,
कुछ मीठी यादें,
कुछ दिल की गहरीयों से निकले।
कुछ वो समा भी प्यारा,
कुछ वो खुमारी थी.
दिल की मेहरबानियाँ थी मेरी,
और कुछ नादानियाँ मेरी!
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